सिर्फ सर्दियों में ही मुंह से निकलती है भाप, गर्मियों में सांस छोड़ने पर ऐसा क्यों नहीं होता?

Science of Winter Breath: सर्दियों के मौसम में जब हम सांस छोड़ते हैं तो हमारे मुंह से भाप निकलती हुई दिखाई देती है जबकि गर्मियों में ऐसा नहीं होता। यह एक आम-सी घटना है लेकिन इसके पीछे का साइंस (Science of Winter Breath) बहुत ही दिलचस्प है। आइए इस घटना को विस्तार से समझते हैं और बताते हैं कि आखिर मौसम इसमें कितना बड़ा रोल प्ले करता है।

Science of Winter Breath

  1. सर्दियों में सांस छोड़ने पर भाप में बदल जाती है। 
  2. गर्मियों में ऐसा न होने के पीछे कई कारण हैं। 
  3. सांस का भाप में बदलना साइंस की नजर से एक मजेदार प्रोसेस है।

Science of Winter Breath: आपने कभी गौर किया है कि सर्दियों में जब हम सांस छोड़ते हैं, तो हमारे मुंह से धुआं जैसा कुछ निकलता है, लेकिन गर्मियों में ऐसा क्यों नहीं होता? आइए, इस दिलचस्प सवाल का जवाब साइंस की मदद से ढूंढते हैं।

हमारे शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी से बना होता है। जब हम सांस लेते हैं, तो हमारे फेफड़ों में हवा जाती है। इस हवा के साथ कुछ मात्रा में स्टीम भी होता है। जब हम सांस छोड़ते हैं, तो यह स्टीम हमारे मुंह से बाहर निकलता है (Why steam comes out of the mouth)। अब सवाल उठता है कि सर्दियों में यह भाप धुएं जैसी क्यों दिखाई देता है, जबकि गर्मियों में नहीं? आइए जानते हैं।

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कैसे मुंह से निकलती है भाप?

सर्दियों में जब हम सांस छोड़ते हैं, तो हमारे मुंह से निकली हुई भाप बाहर की ठंडी हवा के संपर्क में आ जाती है। ठंडी हवा के कारण भाप के कण एक दूसरे के पास आ जाते हैं और छोटी-छोटी पानी की बूंदें बन जाती हैं। ये ही बूंदें हमें धुआं जैसी दिखाई देती हैं। इसे हम भाप कहते हैं।

मौसम का है कनेक्शन

गर्मियों में हवा का तापमान काफी ज्यादा होता है। जब हम सांस छोड़ते हैं, तो हमारे मुंह से निकली हुई भाप बाहर की गर्म हवा में मिल जाती है। गर्म हवा के कारण भार के कण एक दूसरे से दूर-दूर रहते हैं और पानी की बूंदें नहीं बन पाती हैं। इसीलिए हमें गर्मियों में मुंह से भाप निकलती हुई दिखाई नहीं देती है।

एक उदाहरण से समझें

मान लीजिए आप एक गिलास में पानी लेकर बाहर रख देते हैं। सर्दियों में पानी जल्दी-जल्दी ठंडा हो जाता है और गिलास के बाहर पानी की बूंदें जम जाती हैं, लेकिन गर्मियों में ऐसा नहीं होता। पानी धीरे-धीरे गर्म हो जाता है और भाप बनकर उड़ जाता है। ठीक इसी तरह, सर्दियों में हमारे मुंह से निकली हुई भाप ठंडी हवा के संपर्क में आकर पानी की बूंदें बना लेता है, जबकि गर्मियों में भाप बनकर उड़ जाता है।

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इसलिए होता है ऐसा

सर्दियों में मुंह से भाप निकलना और गर्मियों में नहीं निकलना, यह सब हवा के तापमान पर निर्भर करता है। जब हवा का तापमान कम होता है, तो भाप के कण एक दूसरे के पास आ जाते हैं और पानी की बूंदें बना लेते हैं, लेकिन जब हवा का तापमान ज्यादा होता है, तो भाप के कण एक दूसरे से दूर-दूर रहते हैं और पानी की बूंदें नहीं बन पाती हैं।

अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें। Gyan Ki Dhara इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।”

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