Atibala leaf juice for piles: खूनी हो या बादी, हर तरह की बवासीर को खत्म कर देगा इन पत्तियों का रस,

Atibala leaf juice for piles: अगर बवासीर बहुत परेशान कर रही है तो महज पांच दिन तक इस पौधे की पत्तियों का रस पीने से काफी आराम मिलेगा.

बवासीर के अलावा अतिबला के पौधे की पत्तियों का रस भगंदर यानी फिशर की परेशानी में भी कारगर साबित होता है.

Atibala leaf juice for piles: बवासीर (piles) यानी पाइल्स की बीमारी ऐसी बीमारी है जिसमें अगर परहेज ना किया जाए तो ये भयंकर रूप ले लेती है. गलत लाइफस्टाइल और गलत डाइट के चलते आजकल लोग तेजी से इसके शिकार हो रहे हैं. बवासीर की दिक्कत ऑपरेशन कराने के बाद भी रहती है क्योंकि ये लगातार पनपती है.


ऐसे में लोग ताउम्र इस बीमारी से जूझते रहते हैं. कई बार खूनी बवासीर बढ़ जाए तो शरीर में खून की कमी तक हो जाती है. ऐसे में आयुर्वेद के जरिए इससे निजात पाई जा सकती है. आयुर्वेद में कहा गया है कि एक ऐसा खास पौधा है जिसकी पत्तियों का रस इस्तेमाल करने पर खूनी, बादी बवासीर यहां तक कि भगंदर में राहत दिला सकता है. चलिए जानते हैं कि आयुर्वेद में राजबला कहे जाने वाले इस पौधे से किस तरह बवासीर का उपचार किया जा सकता है.

बवासीर में रामबाण औषधि अतिबला का पौधा 

Atibala leaf juice for piles: बात हो रही है अतिबला के पौधे की जिसे राजबला का पौधा भी कहा जाता है. इसे कई जगहों पर कंघी और झंपी भी कहा जाता है.  ये एक प्रकार की जड़ी बूटी ही है. दिखने में झाड़ी जैसा लगने वाला या पौधा अपनी पत्तियों को लेकर काफी मशहूर है. इसकी हरी भरी पत्तियां छूने पर रोएंदार प्रतीत होती हैं. ये आपको सड़कों के आसा पास काफी तादाद में दिख जाएगा. इसमें पीले रंग के फूल आते हैं.

आपको बता दें कि अतिबला के फूल, बीज, तना और पत्तियां दवा बनाने के काम आती हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति बवासीर की बीमारी से बहुत ज्यादा परेशान हो रहा है तो उसे नियमित तौर पर अतिबला के पौधे की पत्तियों का रस निकाल कर सेवन करना चाहिए. ऐसा करने पर सात दिन के भीतर ही असर दिखना शुरू हो जाता है. बवासीर खूनी हो या बादी, इन पत्तियों का रस हर तरह की बवासीर में प्रभावकारी साबित होता है.

Atibala leaf juice for piles: बवासीर के अलावा अतिबला के पौधे की पत्तियों का रस भगंदर यानी फिशर की परेशानी में भी कारगर साबित होता है. भगंदर वो अवस्था है जब बवासीर के जख्म हो जाते है और ब्लीडिंग ज्यादा होने लगती है. ऐसे में इन पत्तियों का रस का रस असर दिखाता है.जो व्यक्ति बवासीर की परेशानी से जूझ रहा है, उसे रोज सुबह अतिबला के पौधे से पांच पत्तियां तोड़नी चाहिए.

सुबह खाली पेट गर्म पानी

सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने के फायदे


इन पत्तियों को धोकर साफ कर लें और इनको कूट कर या मिक्सी में पीसकर उसका रस निकाल लें.इस रस को सुबह ठंडे पानी के साथ पी लें. पांच दिन तक ऐसा करने पर बवासीर की परेशानी कम होनी शुरू हो जाएगी.


अतिबला का पौधा ठंडी तासीर का कहा जाता है. इसलिए सर्दियों में इसका ज्यादा सेवन सर्दी खांसी की समस्या बढ़ा सकता है. इसलिए सर्दियों में इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए.  इसके अलावा इसकी जड़ के सेवन से भी बवासीर में फायदा मिलता है. अतिबला की जड़ को पीसकर उसमें शहद मिला लें, इसका नियमित सेवन करने पर भी बवासीर में लाभ मिलता है.

पेट और दांत दर्द में भी लाभ करता है अतिबला का पौधा

Atibala leaf juice for piles: बवासीर के साथ साथ अतिबला के पौधे की पत्तियों के सेवन से और भी कई दिक्कतें दूर होती हैं. इसके सेवन से पेट दर्द, पेचिश और मूत्र संबंधी बीमारियों में राहत मिलती है. इसके साथ साथ इसके बीजों को पकाकर खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है. जिन लोगों के दांत और मसूड़ों में दर्द रहता है,

उन्हें अतिबला की पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करने चाहिए. ऐसा करने पर दांत और मसूड़ों का दर्द कम हो जाता है. इसके पत्तियों का काढ़ा बनाकर उससे आंखें धोने सा आंखों के कई रोग दूर हो जाते हैं. इसके साथ साथ अतिबला की पत्तियां और जड़ डायबिटीज, पथरी, रक्तप्रदर, मिर्गी जैसी परेशानियों में भी कारगर साबित होती हैं.

 

You May Also Like

More From Author